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डॉक्टर, वकील, पत्रकार और व्यापारी को कभी न चुने अपना नेता और न ही कभी वोट दे.

शिक्षक, प्रशानिक अधिकारी, और इंजीनियर को आंख मूंद कर चुन ले अपना नेता...

जैसा कि आप लोग देख रहे है अभी चुनावी माहौल चल रहा है, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य दो और राज्यो में विधानसभा चुनाव की दस्तक हो चुकी है, उसके छः महीने बाद फिर लोकसभा के चुनाव आने वाले है, रोज रोज नए नए नेता निकल के आ रहे, हर रोज हजारो दावेदार सामने आ रहे है, इस वक्त सबसे कठिन कार्य है अपना वोट किसको दे और किसे अपना नेता चुने, हर कोई नए नए वादे और लुभावने ऑफर दे रहे है, लेकिन ये वक्त है संयम रखने का, आप अपने मन में स्वयं विचार कीजिए किसे वोट देना चाहिए और किसे नकारना चाहिए , क्योंकि अगर आप किसी डॉक्टर, वकील और पत्रकार या व्यापारी इनमे से किसी को अपना नेता चुनते हो तो ये लोग किसी का भी भला नही करने वाले, इन लोगो के पास कोई भी विजन नही होता ये लोग भरपूर पैसा कमाने के बाद सिर्फ वी आई पी ट्रीटमेंट लेने के लिए राजनीति में आते है, और राजनीति में आने के बाद अपनी संपत्ति को कई गुना करने में लग जाते है, आप खुद सोचिए अगर कोई डॉक्टर को चुनाव का टिकट न मिले या चुनाव का टिकट मिलने के बाद वो हर जाए तो वो फिर से अपने पुराने पेशे में लग जायेगा और फिर अथाह पैसे कमाने में लग जायेगा, इसी प्रकार पत्रकार और वकील और व्यापारी भी है, ये लोग टिकट न मिलने के बाद या चुनाव हारने के बाद अपने अपने पेशे में लग जाते है, फिर कभी ये लोग आम जनता के बीच नही जाते इसलिए इन लोगो को अपना नेता चुनने की गलती न करे ।हां अगर आप कभी शिक्षक , प्रशानिक अधिकारी,और इंजीनियर को चुनते हो तो पहली बात तो ये कन्फर्म है की ये लोग सिर्फ आम जनता की सेवा करने के भाव से ही राजनीति में आए है, सबसे पहले तो हम प्रशासनिक अधिकारी बात करे तो प्रशानिक अधिकारी की काबिलियत पर कभी शक नही कर सकते ये बहुत ही काबिल और संविधान के परम ज्ञाता होते है , अगर कोई प्रशानिक अधिकारी अपनी नौकरी छोड़कर जनता के बीच आकर उसकी सेवा करना चाहता है और एक बार कोई भी प्रशानिक अधिकारी शिक्षक या इंजीनियर नौकरी छोड़ने के बाद वो कभी अपने पेशे में वापस नहीं जा सकता इससे सिद्ध होता है की वो राजनीति में सिर्फ आम जनता की सेवा भाव से ही आता है, और सबसे बड़ी बात ये है की डॉक्टर, वकील , पत्रकार और व्यापारी ये लोग आम लोगो के प्रति बिलकुल भी संवेदनशील नही होते, ये भी एक बड़ा कारण है इन लोगो को अपना नेता नही चुनने का । शिक्षक में ताकत होती है की वो आने वाली पीढ़ी का बदलाव ला सके, शिक्षक सभी अनुचित और उचित बातो को अच्छी तरह से जानता है, शिक्षक नई पीढ़ी को ज्ञानवान और शिक्षित बना सकता है, शिक्षक वी आई पी बनने के बाद भी एक साधारण इंसान की तरह अपना जीवन व्यतीत करता है, और इंजीनियर की बात करे तो इंजीनियर्स में बहुत ही ज्यादा दूरदर्शिता होती है यही कारण है को सभी वैज्ञानिक इंजीनियर ही होते है, इंजीनियर बहुत ही दूरदर्शी होते है और इंजीनियर के अंदर वैज्ञानिक दृष्टिकोण होता है । इंजीनियर लोगो के प्रति बहुत संवेदनशील भी होते है, किसी भी प्रकार की समस्या से अपने सूझ बूझ से तुरंत हल कर सकते है गणित का सवाल हल करते करते ये इतने इंटेलेचुअल हो जाते है की किसी भी प्रकार की समस्या से जल्द से जल्द निजात पा सकते है और दूसरो की समस्या से निजात दिला सकते है , इंजीनियर्स के पास देश को चलाने का अच्छा विजन होता है, और ये आम लोगो के प्रति संवेदनशील भी होते है

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