काशी विश्वनाथ मंदिर एवं कॉरीडोर तथा गंगा आरती दर्शन भी रहेगा यात्रा का हिस्सा
छत्तीसगढ़ सरकार आईआरसीटीसी से करने जा रही एमओयू, दर्शनार्थियों के परिवहन, भोजन, सुरक्षा, स्वास्थ्य की रहेगी व्यवस्था
रायगढ़, 11 जनवरी 2024/ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में रामलला दर्शन योजना प्रारंभ निर्णय लिया है। इससे जनमानस में अपार हर्ष का माहौल है। लोगों ने कहा कि इस पहल के माध्यम से प्रदेश वासियों को राम जन्म भूमि के दर्शन का सुअवसर मिलने जा रहा है। इस सिलसिले में रायगढ़ जिले के ग्राम-मुरा के श्री संपत लाल पटेल ने कहा कि 22 जनवरी का दिन पूरे भारत वर्ष के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि धार्मिक नगरी अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। यह बहुत ही खुशी का मौका है उस दिन हम सब मिलकर दीप जलायेंगे एवं दीवाली मनायेंगे। रात भर गांव में कीर्तन-भजन के साथ भंडारे का आयोजन करेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेशवासियों को श्री रामलला के दर्शन कराने हेतु अयोध्या ले जाने की जो घोषणा की गई है वह बहुत नेक कार्य है। उनके घोषणा अनुरूप हम रामलला का दर्शन कर पायेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को इस योजना के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा छत्तीसगढ़वासियों को दी गई गारंटियों में से एक और गारंटी को पूरा करते हुए प्रदेश में श्री रामलला दर्शन (अयोध्या धाम)योजना शुरू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। ज्ञातव्य है कि धार्मिक नगरी अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेशवासियों को श्री रामलला के दर्शन कराने हेतु अयोध्या ले जाने की घोषणा की गई है। जिसके परिपालन में श्री रामलला दर्शन योजना शुरू की जा रही है। इस योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल द्वारा तथा बजट पर्यटन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के तहत हर साल लगभग 20 हजार यात्रियों को श्री रामलला दर्शन हेतु यात्रा ले जाया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी, 18 से 75 आयु वर्ग के जो जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण में सक्षम पाए जायेंगे, उन्हें यात्रा की पात्रता होगी। दिव्यांगजनों के लिए यथा संभव उनके परिवार से कोई एक सदस्य साथ में रहेंगे। प्रथम चरण में 55 वर्ष से ऊपर के यात्रियों को यह सुविधा उपलब्ध होगी। इसके पश्चात अन्य आयु वर्ग के लोगों को भी यह सुविधा दी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में श्री रामलला दर्शन समिति बनायी जाएगी। प्रत्येक समिति द्वारा अनुपातिक कोटा के अनुसार हितग्राहियों का चयन किया जाएगा। इस यात्रा की दूरी लगभग 900 किलो मीटर होगी। इसके लिए भारतीय रेलवे केटरिंग एवं टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी)के साथ छत्तीसगढ़ मण्डल द्वारा एमओयू किया जाएगा। आईआरसीटीसी द्वारा यात्रा के दौरान यात्रियों को सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, स्थलों के दर्शन, स्थानीय परिवहन तथा एस्कार्ट की व्यवस्था की जाएगी। हितग्राहियों को उनके निवास से निर्धारित रेलवे स्टेशन तक लाने एवं वापस ले जाने की व्यवस्था संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी। इसके लिए उन्हें बजट उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक जिले से यात्रियों के साथ एक सक्षम शासकीय अधिकारी अथवा एक छोटा दल भेजा जाएगा। यात्री दुर्ग-रायपुर, रायगढ़ एवं अंबिकापुर से रेल द्वारा गन्तव्य स्थल के लिए रवाना होंगे। यात्रा का मूल गन्तव्य अयोध्या धाम रहेगा। इसके साथ ही वाराणसी में एक दिन का रात्रि विश्राम, काशी विश्वनाथ मंदिर एवं कॉरीडोर तथा गंगा आरती का दर्शन का लाभ भी यात्रियों को मिल सकेगा।