कलेक्टर ने छात्रावास अधीक्षक, अधीक्षिका का बैठक लेकर आश्रम छात्रावास की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए
बच्चों में सर्वांगीण विकास के लिए पढ़ाई के साथ नैतिक शिक्षा देने में पूरी संवेदनशीलता से ड्यूटी करने के निर्देश
बालिकाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्था एवं नियमित स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश
बच्चों के साथ अधीक्षक और अधीक्षकाओं को पालक की तरह व्यवहार करने के निर्देश
सारंगढ़-बिलाईगढ़, 7 दिसंबर 2025/जिलाधीश डॉ संजय कन्नौजे ने कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिले के आश्रम, छात्रावास के अधीक्षक और अधीक्षकाओं का जिला स्तरीय समीक्षा बैठक लिया। यह बैठक आश्रम छात्रावास में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए किया गया था। कलेक्टर डॉ कन्नौजे ने सभी अधीक्षक और अधीक्षकाओं से परिचय के साथ, उनकी पदस्थापना, कब से पदस्थापना, कितने सीटर का आश्रम छात्रावास, कन्या छात्रावास में होमगार्ड की पोस्टिंग और उपस्थिति, कितने बच्चे दाखिल, कोई परेशानी, कमी या मांग की जानकारी लिया। बैठक में बेहतर देखरेख, अच्छा नाश्ता, भोजन, खानपान के लिए छिंद और भटगांव के छात्रावास तथा बेहतर किचन गार्डन के लिए उलखर छात्रावास के कार्यों की तारीफ कलेक्टर ने किया। इस अवसर पर सभी ने तालियां से हौसला अफजाई की। कलेक्टर ने छह माह पहले के बैठक में दिए निर्देश के पालन में किये गए कार्यों और स्वीकृत भवन मरम्मत, नवीन निर्माण की स्थिति की जानकारी लिया। बैठक में सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास, बद्रीश सुखदेवे डिप्टी कलेक्टर शिक्षा शर्मा, डॉक्टर्स, मंडल सयोंजक, सभी अधीक्षक और अधीक्षका उपस्थित थीं।
कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने कहा कि, आश्रम, छात्रावास में अधीक्षक और अधीक्षकाओं को पालक की भांति बच्चों की देखरेख, पूछ परख करनी चाहिए। घर से दूर घर जैसा माहौल देना चाहिए ताकि छुट्टी के बाद भी उनका आश्रम छात्रावास में लौटने का मन हो। उनके साथ ऐसा व्यवहार माहौल बना के रखना चाहिए जिससे वह अपनी सभी बातें बता सके। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक ज्ञान, खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम करियर गाइडेन्स आदि गतिविधियां बीच-बीच में करते रहने चाहिए। नारा “बाकी दिन शिक्षक का एक दिन अधीक्षक का” तर्ज पर सप्ताह में अवकाश पर इस प्रकार की गतिविधियों का आयोजन छात्रावास आश्रम में किया जाना चाहिए। सभी बच्चों का व्यक्तिगत रूप से नाम, पालक का नाम, पता, कांटेक्ट नंबर आदि की जानकारी रिकॉर्ड में और व्यक्तिगत रूप से भी होनी चाहिए। जैसे छुट्टी जा रहे हैं तो किस कारण से जा रहे हैं और कब लौटेंगे।
सभी बच्चे शेड्यूल समय में उपस्थित रहे। खाने नाश्ता भोजन आदि की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए और प्रत्येक दिनों के लिए अलग-अलग किस्म के नाश्ते और सब्जी में परिवर्तन किया जाना चाहिए ताकि वह सभी प्रकार के विटामिन बच्चों को मिले। आश्रम छात्रावास के भवन, खिड़की, दरवाजा, टेबल, लाईट, पेयजल, शौचालय आदि के टूट-फूट मरम्मत के छोटे-छोटे काम के लिए बढ़ई, मिस्त्री से काम कराएं। इसके लिए अनावश्यक देरी न करें। जितने आश्रम छात्रावास खेत के पास हैं उनके खिड़की दरवाजा में जाली लगाएं ताकि सांप, बिच्छू प्रवेश न करें। सभी खिड़की दरवाजा में पर्दा लगाए। कमरों में पर्याप्त रोशनी हो। सभी बच्चों को मच्छरदानी मिले। अधीक्षक हॉस्टल में रहे, यदि वे अनुपस्थित रहेंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा, आश्रम छात्रावास परिसर, किचन, शौचालय साफ सुथरा होना चाहिए। पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में सेनेटरी पैड होनी चाहिए। रिजल्ट अच्छा आए इसके लिए बच्चों के पढ़ाई में फोकस करना चाहिए और यदि पढ़ा सकते हैं तो उन्हें पढ़ाना भी चाहिए।
कलेक्टर ने कहा कि, जो पद जिम्मेदारी दिया गया है उसे अच्छे से करें। इस नौकरी में सेवा कार्य भी अपने साथ-साथ है। बच्चे जब अपने पढ़ाई के बाद कोई नौकरी, रोजगार, ऊंची मुकाम पर पहुंचेंगे तो आपके द्वारा किए गए सेवा के सम्मान के साथ हमेशा याद करेंगे। कलेक्टर ने कहा कि डॉक्टर, हॉस्टल छात्रावास में नियमित रूप से बच्चों का चेकअप करें साथ ही किशोरियों का हिमोग्लोबिन चेक करें।
बच्चों को खेल सामग्री देने के निर्देश
कलेक्टर ने छात्रावास और आश्रम में उपलब्ध मच्छरदानी, खेल सामग्रियों का वितरण बच्चों को करें। आश्रम छात्रावास परिसर में बच्चों के सामूहिक श्रमदान से किचन गार्डन, बागवानी करें और उत्पादित सब्जी भाजी को भी खाने में उपयोग करें। सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग बद्रीश सुखदेवे ने कहा कि, सभी अपने दायित्व का निर्वहन करें। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए तन मन से कार्य करें। सभी आश्रम छात्रावास में दवा का फर्स्ट एड बॉक्स में प्राथमिक उपचार के दवा, पट्टी रखें।

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