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सखी सेंटर के परामर्श उपरांत अनावेदक के व्यवहार में आया सुधारात्मक परिवर्तन, प्रकरण हुआ नस्तीबद्ध


रायगढ़, 11 मार्च 2025/ गत 4 अक्टूबर 2024 को प्रत्यक्ष रूप से सखी सेंटर रायगढ़ में एक प्रकरण प्राप्त हुआ। जिसमें दोनो पक्षकारों (पति-पत्नी) का लिखित बयान लिया गया। आवेदिका ने बताया कि  26 अप्रैल 2005 को सामाजिक रीति-रिवाज से विवाह हुआ था, जिसके पश्चात एक पुत्र भी है। पति द्वारा शराब का अत्यधिक सेवन कर शारीरिक, मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाता है। आवेदिका सखी के माध्यम से अनावेदक को प्रेमपूर्वक समझाईश दिलाने में सहायता चाहती है।
       16 अक्टूबर 2024 को अनावेदक सखी सेंटर रायगढ़ में उपस्थित होकर बताया कि आवेदिका द्वारा बेवजह शंका किया जाता है। जिससे विवाद होता है, अनावेदक को शराब का सेवन व विवाद नही करने की समझाईश दी गई। 04 नवम्बर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक दोनों पक्ष की पृथक-पृथक 03 बार संयुक्त काऊंसलिंग करते हुये समझाईश दी गई। जिससे धीरे-धीरे अनावेदक के व्यवहार में सुधारात्मक परिवर्तन होने लगा व निरंतर प्रकरण को फॉलोअप में रखा गया। 13 जनवरी 2025 दोनो पक्ष सखी में उपस्थित हुए। आवेदिका द्वारा बताया गया कि अनावेदक शराब सेवन नहीं कर रहे है। आवेदिका द्वारा सखी के परामर्श कार्यवाही उपरांत अनावेदक के व्यवहार में सुधारात्मक परिवर्तन होने से सखी का आभार प्रकट करते हुये लिखित में अग्रिम कार्यवाही नही करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया। उक्त आधार पर सखी वन स्टॉप सेंटर रायगढ़ से 13 जनवरी 2025 को प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

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