कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडऩ-निवारण, प्रतिषेध और रोकथाम पर जागरूकता के संबंध में हुई कार्यशाला
रायगढ़, 15 फरवरी 2024/ कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडऩ निवारण, प्रतिषेध और रोकथाम विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज कलेक्टोरेट के सृजन सभाकक्ष में किया गया। कार्यशाला में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल एवं सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव भी शामिल हुए।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने इस मौके पर कहा कि लैंगिक उत्पीडऩ के प्रावधानों के संबंध में महिलाओं को जागरूक होने की जरूरत है। बदलते समय के साथ महिलाओं में झिझक और डर कम हुआ है और महिलाएं आगे आकर अपनी बात कहने लगी हैं। उन्होंने कहा कि समिति में की गई शिकायत गोपनीय होनी चाहिए ताकि महिलाएं बिना शर्म और डर के अपनी बात समिति में रख सके। साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह अधिनियम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से ऐसे कार्यशालाएं होती रहनी चाहिए, ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी मिल सके।
कार्यशाला में महिला संरक्षण अधिकारी महिला बाल विकास रायगढ़ श्रीमती चैताली राय विश्वास ने महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे सभी कार्यालय जहां न्यूनतम 10 कर्मचारी हो, आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जा सकता है। परिवाद समिति के गठन के लिए जरूरी नहीं है कि कार्यालय में 10 महिलाएं हों। कार्यालय में काम में नियोजित दैनिक महिला कर्मचारी भी आंतरिक परिवाद समिति में लैंगिक उत्पीडऩ की शिकायत कर सकती है। उन्होंने बताया कि परिवाद समिति की जानकारी के संबंध में हर कार्यालय के बाहर बोर्ड लगाने का नियम भी लैंगिक उत्पीडऩ अधिनियम के प्रावधानों में दिया गया है, जिससे अधिनियम और उसमें दिए गए अधिकारों के बारे में सभी महिलाओं को जानकारी हो सके।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रायगढ़ श्री एल.आर.कच्छप ने महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ के उद्देश्य की जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक वर्ग की शासकीय, अशासकीय किसी भी विभाग, संस्थाए घरेलू कार्यरत महिला के संबंध में आत्म सम्मान के साथ कार्य करते हुए आय अर्जन करने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। किसी प्रकार के लैंगिक शोषण करने या प्रयास करने पर भी उक्त अधिनियम के तहत शिकायत, विचारण, निवारण एवं प्रतितोष विधिवत दिया जाना ही मुख्य उद्देश्य है। इस मौके पर 25 विभाग मेें गठित आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष व सदस्य तथा स्थानीय शिकायत समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित रहे।