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किरोड़ीमल गवर्मेन्ट हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की कमी होने के बावजूद जूनियर रेजिडेंट को मेडिकल कॉलेज भेजा

किरोड़ीमल गवर्मेन्ट हॉस्पिटल के अधीक्षक मनोज मिंज ने गाइडलाइन का उलंघन करते हुए जूनियर रेजिडेंट पीताम्बर चंद्रा को किरोड़ीमल गवर्मेन्ट हॉस्पिटल से रिलीव किया

एक जूनियर रेसिडेंट के ऊपर दो दो अधिकारी मेहरबान ।
किरोड़ीमल गवर्मेन्ट हॉस्पिटल के अधीक्षक और मेडिकल कालेज के डीन दोनो मेहरबान है


मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर लूका ने भी बिना किसी हायर अथॉरिटी के आदेश के बिना ही मेडिकल कॉलेज में जॉइन करवाया ।


किरोड़ीमल गवर्मेन्ट हॉस्पिटल में डॉक्टर की कमी होने के बावजूद जूनियर रेसिडेंट पीताम्बर चंद्रा को हॉस्पिटल में ड्यूटी कराने बजाय सारे नियम और कानून को ताक में रखकर गवर्मेन्ट मेडिकल कॉलेज में भेज दिया है । जो कि जूनियर रेसिडेंट की गाइडलाइन के विरुद्ध है । किरोड़ीमल गवर्मेन्ट हॉस्पिटल के अधीक्षक मनोज मिंज ने 5 साल पहले ये आदेश जारी किया था जोकि अभी तक वैसा ही चल रहा है हॉस्पिटल में डॉक्टरों की पहले से ही कमी है जो है वो भी समय से नही आते । नाईट शिफ्ट में डॉक्टर कभी अवेलेबल भी नाही रहते फिर भी किस नियम कर तहत जूनियर रेसिडेंट पीताम्बर चंद्रा को किरोड़ीमल गवर्मेन्ट हॉस्पिटल से मेडिकल कॉलेज भेजा गया है । अगर जूनियर रेसिडेंट पीताम्बर चंद्रा गवर्मेन्ट मेडिकल कॉलेज में कार्यरत है तो फिर इनकी तनख्वाह किरोड़ीमल गवर्मेन्ट हॉस्पिटल से क्यो निकलती है ।
जूनियर रेसिडेंट पीताम्बर चंद्रा 5 साल से अपनी सेवा मेडिकल कॉलेज में दे रहे है । और इन्हें अभी तक किसी प्रकार का चार्ज नही दिया गया है । कुछ दिनों के लिए इन्हें स्टोर में सेट किया गया था पर अब स्टोर में भी काम नही कर रहे है । मेडिकल कॉलेज की कंस्ट्रक्शन साइट में अक्सर फ़ोन पर बात करते हुए दिखते हैऔर इनके ऊपर कोई भी कार्यभार नही है । इस विषय पर हमारी टीम ने किरोड़ीमल गवर्मेन्ट हॉस्पिटल के अधीक्षक और गवर्मेन्ट मेडिकल कॉलेज के डीन दोनो से बात करने की कोशिश की पर दोनों अधिकारियों ने कुछ नही कहा ।

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