बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी टीकाराम साहू कारनामा
सस्पेंड होने के बाद हालही में बहाल हुई निशा तिवारी को दे दिया स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्रिंसिपल का चार्ज
बिलासपुर , जब भी कोई अधिकारी छुट्टी पर जाता है तो वो अधिकारी अपना प्रभार अपने सबऑर्डिनेट या अपने से किसी जूनियर अधिकारी को प्रभार देकर जाता है ठीक उसी प्रकार स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती चन्द्रवती वैश्य ने भी मेडिकल लीव में जाने से पहले अपना प्रभार फाल्गुनी मंडल को देकर मेडिकल लीव पर चली गई इसके बाद बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी टीकाराम साहू का अजीबोग़रीब कारनामा देखने को मिल रहा है , टीकाराम साहू ने स्वामी आत्मानंद स्कूल की प्रिंसिपल मेडिकल लीव पर होने के कारण प्रिंसिपल का परमानेंट चार्ज निशा तिवारी को दे दिया , निशा तिवारी जो की हालही में सस्पेंशन से बहाल हुई है उन्हें स्वामी आत्मानंद स्कूल सरकंडा का परमानेंट चार्ज दे दिया । जिला शिक्षा अधिकारी टीकाराम साहू ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय बालक सरकंडा के प्रिंसिपल को सिर्फ़ इसलिये बदल दिया क्योंकि वो मेडिकल लीव पर थी और जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेश में मेडिकल लीव की जगह अर्जित अवकाश का ज़िक्र करते हुए प्रिंसिपल श्रीमती चन्द्रवती वैश्य को प्रिंसिपल के पद से हटा दिया । स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती चन्द्रवती वैश्य अपने हेल्थ चेकअप कराने के लिए मेडिकल लीव पर थी इस दौरान निशा तिवारी जो की सस्पेंडेड प्रिंसिपल थी हालही में कुछ दिनों पहले ही बहाल हुई है, और शासन ने उन्हें कार्यालय में अटेच करने का आदेश जारी किया था , स्वामी आत्मानंद स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती चन्द्रवती वैश्य के मेडिकल ट्रीटमेंट हेतु छुट्टी पर जाते ही स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्रिंसिपल का चार्ज लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का रोज़ चक्कर लगाने लगी । इस बात की जानकारी जुटाने के लिए छत्तीसगढ़मिंट की टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारीयो से पूछताछ में पता चला कि निशा तिवारी रोज सुबह से शाम तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में ही रहती थी और निशा तिवारी ने जिलाशिक्षा अधिकारी टीकाराम साहू को एक सफेद लिफाफा के अंदर कुछ भरकर दिया । सोचिए अगर विद्या के मंदिर में इस प्रकार राजनीति हो रही है तो ये देश किस ओर जा रहा है, और विद्यालय के छात्रो के भविष्य के साथ कैसा खिलवाड़ हो रहा है कि एक सस्पेंशन काट के आयी अधिकारी को विद्यालय के प्रिंसिपल का प्रभार देना कितना गलत है ।