रायगढ़, 6 मार्च 2024/ राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर के निर्देशन व जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ व जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा रायगढ़ के कुशल प्रबंधन में प्राथमिक स्तर पर बहुभाषा शिक्षण के लिए सेजेस नटवर विद्यालय रायगढ़ में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
रायगढ़ में प्रमुख रुप से छत्तीसगढ़ी, सम्बलपुरी तथा कुड़ुख जैसे स्थानीय प्रचलित भाषाओं को शिक्षण में बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचार किए जा रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आगामी समय में छत्तीसगढ़ी भाषा एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय भाषाओं को प्रारंभिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में शामिल करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसी तत्वाधान में शिक्षा विभाग रायगढ़ के द्वारा संविधान की धारा 350-क में वर्णित अनुच्छेद के अनुपालन में जिले के भीतर प्रत्येक भाषायी वर्गों के विद्यार्थियों को प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की पर्याप्त सुविधाओं के लिए व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है। कक्षा एक और दो के लिए स्थानीय भाषानुरुप पाठ्यवस्तु तैयार किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में बहुभाषा के तथ्य, बहुभाषी शिक्षण सिद्धांत, स्थानीय भाषाओं में वार्तालाप पुस्तिका, शब्दकोश, फ्लैश कार्ड, छोटी कहानियों पर आधारित चित्रकथा निर्माण तथा अन्य सहायक शिक्षण सामग्री पहचान के गुर प्रशिक्षकों द्वारा सिखाया गया। स्थानीय बोलियों में पढ़ाई की व्यवस्था के लिए अवधारणात्मक समझ तथा प्रक्रिया पर परस्पर अंत:क्रिया संवाद द्वारा गहन चर्चा किया गया। प्रशिक्षण की अवधि में डॉ.नरेन्द्र पर्वत, विकास खण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक रायगढ़ श्री मनोज अग्रवाल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में छत्तीसगढ़ी, ओडिय़ा-सम्बलपुरी तथा कुडुख के लिए रायगढ़ जिले के राज्य स्त्रोत व्यक्ति रुद्र प्रसाद शर्मा, प्रधान पाठक, प्राथमिक शाला तरडा, पुसौर तथा निरंजन लाल पटेल, सहायक शिक्षक, प्राथमिक शाला लामीखार, धरमजयगढ़ ने प्रशिक्षण प्रदान किया। इस कार्यशाला में रायगढ़ जिले के अलावा सारंगढ़-बिलाईगढ़ के बरमकेला तथा सारंगढ़ के चालीस खण्ड स्त्रोत व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी रही।
बहुभाषा शिक्षण पर आयोजित हुआ जिला स्तरीय कार्यशाला
