रायगढ़, 9 अक्टूबर 2025/ मानसिक तनाव की स्थिति से गुजर रही एक महिला को सखी वन स्टॉप सेंटर, रायगढ़ की देखरेख और समुचित उपचार के माध्यम से नया जीवन मिला है। यह प्रकरण 18 जून 2025 को माननीय न्यायालय रायगढ़ के समक्ष प्रस्तुत हुआ, जहां पीड़िता की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे तत्काल सहायता और परामर्श की आवश्यकता महसूस की गई।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला महिला एवं संरक्षण अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि चाइल्ड लाइन परियोजना अधिकारी और सखी सेंटर के अधिकारी/कर्मचारियों की उपस्थिति में न्यायालय द्वारा कैमरा प्रोसिडिंग के माध्यम से पीड़िता से संवाद किया गया। पूछे गए सवालों का स्पष्ट उत्तर न देने और बार-बार घर जाने की बात कहने पर न्यायालय ने उसे किसी मानसिक दबाव में होने की आशंका जताई। न्यायालय के निर्देशानुसार, पीड़िता को सखी वन स्टॉप सेंटर रायगढ़ में अस्थायी आश्रय प्रदान कर, मानसिक स्वास्थ्य उपचार हेतु मेडिकल कॉलेज रायगढ़ ले जाया गया। 19 जून 2025 को किए गए चिकित्सकीय परीक्षण के उपरांत डॉक्टरों द्वारा आवश्यक दवाइयां प्रदान की गईं। नियमित इलाज और सखी सेंटर की देखरेख में पीड़िता की मानसिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आने लगा। सुधार के बाद, पीड़िता को उसके माता-पिता के सुपुर्द किया गया तथा पति के साथ एक माह तक चिकित्सा निगरानी में रखा गया। लगातार चिकित्सकीय फॉलोअप और मानसिक समर्थन के चलते पीड़िता ने 21 अगस्त 2025 को पूर्ण संतुष्टि के साथ अपने ससुराल वापस जाने की इच्छा व्यक्त की। साथ ही, उसने सखी वन स्टॉप सेंटर रायगढ़ की सेवाओं के लिए लिखित में आभार प्रकट करते हुए प्रकरण को नस्तीबद्ध करने का निवेदन किया, जिसे स्वीकार कर केस बंद कर दिया गया। वर्तमान में पीड़िता अपने पति और शिशु के साथ स्वस्थ एवं सुरक्षित रूप से ससुराल में निवासरत है। वह अब भी नियमित रूप से मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में फॉलोअप के लिए जाती है और सखी सेंटर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी साझा करती है।
सखी वन स्टॉप सेंटर की तत्परता से मानसिक तनाव से जूझ रही पीड़िता को मिला संबल, अब स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर
