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प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना से मिली ‘ऊर्जा’- महापल्ली के गुरुशंकर भोय बने आत्मनिर्भरता की मिसाल

हर महीने बिजली बिल का बोझ हुआ खत्म, अब सूरज की रोशनी से घर में हो रही बचत और कमाई
ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

रायगढ़, 25 सितम्बर 2025/ प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने रायगढ़ जिले के ग्राम महापल्ली निवासी श्री गुरुशंकर भोय के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव ला दिया है। कभी हर महीने बिजली बिल चुकाना उनके लिए चिंता का विषय था, लेकिन अब वही बिजली बिल बचत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया है। मई में जब उनके घर पर सोलर सिस्टम नहीं लगा था, तब 471 यूनिट की खपत पर 1,570 रुपए का बिल आया था। सीमित आय वाले परिवार के लिए यह राशि एक बड़ा बोझ थी। लेकिन जून में जब उन्होंने अपने मकान की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित कराया, तो हालात पूरी तरह बदल गए। एक महीने में सोलर सिस्टम ने 146 यूनिट बिजली का उत्पादन किया। इसके परिणाम स्वरूप उन्हें 684 रुपए की छूट मिली और उनका बिजली बिल ऋणात्मक होकर माइनस 296 रुपए दर्ज हुआ। यानी अब उन्हें बिल भरना नहीं पड़ा, उल्टा बचत हाथ लगी। अपनी खुशी जाहिर करते हुए श्री भोय ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने मेरे घर को सचमुच ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया है। पहले हर महीने बिजली बिल की चिंता रहती थी, लेकिन अब सूरज की रोशनी से घर रोशन होने के साथ-साथ पैसों की बचत भी हो रही है।
योजना की खास बातें
           प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अधिकतम 1 लाख 8 हजार रुपए तक की सब्सिडी का प्रावधान है। सरकार द्वारा 1 किलोवाट क्षमता पर 45,000 रुपए की सब्सिडी, 2 किलोवाट क्षमता पर 90,000 रुपए की सब्सिडी और  3 किलोवाट क्षमता पर 1,08,000 रुपए की सब्सिडी दी जाती है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं के लिए बैंक ऋण की सुविधा भी उपलब्ध है। आवेदन की प्रक्रिया बेहद सरल है। इच्छुक उपभोक्ता pmsuryaghar.gov.in पोर्टल, पीएम सूर्य घर मोबाइल ऐप, सीएसपीडीसीएल की वेबसाइट अथवा मोर बिजली ऐप के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। साथ ही जानकारी एवं शिकायत निवारण के लिए टोल-फ्री नंबर 1912 पर भी संपर्क किया जा सकता है। यह योजना न केवल परिवारों को बिजली बिल से राहत और आर्थिक बचत का अवसर दे रही है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के जरिए पर्यावरण संरक्षण और भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी ऐतिहासिक पहल साबित हो रही है।

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