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सर्वाइकल कैंसर के बारे में दी गई जानकारी 

Bychattisgarhmint.com

Feb 5, 2024


रायगढ़, 5 फरवरी 2024/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.एन.मंडावी के मार्गदर्शन में आज स्वास्थ्य कार्यालय के आरोग्यम् सभा कक्ष में जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी राष्ट्रीय कार्यक्रम के समस्त नोडल अधिकारी के साथ विश्व कैंसर दिवस मनाये जाने के संबंध में दिशा-निर्देश दिया गया। जिले में आम जनता को सर्वाइकल कैंसर के प्रति को जागरूक करना है, कैंसर महिलाओ में होने वाली सबसे गंभीर समस्या है। सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा के अस्तर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है। गर्भाशय ग्रीवा महिला प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है और गर्भ के निचले हिस्से में स्थित है। जो गर्भ से योनि तक खुलती है। इस कैंसर को बच्चेदानी के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण होते है। एचपीवी वायरस का एक समूह है। जो दुनिया भर में बेहद आम है। 
सर्वाइकल कैंसर के सबसे आम लक्षण और शुरूवाती संकेत है जैसे पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग, संभोग के बाद खून, मैनोपोज के बाद खून बहना, संभोग के दौरान बैचेनी या खून आना, तेज गंध के साथ योनि से स्त्राव, रक्त के साथ योनि से स्त्राव, यूरिन करते समय दर्द महसूस होना। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए नियमित रूप से कराएं पैप जांच अगर आप खुद को सर्वाइकल कैंसर से बचाना चाहते है, तो इसके लिये बेहद जरूरी है कि नियमित रूप से पैप जांच कराएं पैप जांच की मदद से आप गर्भाशय ग्रीवा में होने वाली असामान्यताओं का पता लगा पाएंगी। साथ ही इस बारे में अपने डॉक्टर से संपर्क कर कब और किस उम्र में इस टेस्ट को कराना चाहिये। धूम्रपान करने से बचे, जिन महिलाओं की धूम्रपान करने की आदत होती है उनमें इस बीमारी का खतरा और भी बढ़ जाता है कि तंबाकू या अनके उत्पाद के सेवन से सर्विक्स कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुँचाते है, जो सर्वाइकल कैंसर में बदल सकता है। इसलिए धूम्रपान से दूरी बनायें रखें। एचपीवी के खिलाफ  लगाएं टीका, एचपीवी के कई प्रकार है जिनमें से कुछ उच्च जोखिम वाले प्रकार पाये जाते है। दो एचपीवी प्रकार (16 और 18) 70 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर और कैंसर से पहले के सर्वाइकल घावों का कारण बनते है। एचपीवी को गुदा, योनी, लिंग और ऑरोफरीनक्स के कैंसर से जोडऩे के प्रमाण भी है, इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिये अपने डॉक्टर से बचाव के लिये एचपीवी के खिलाफ  टीका जरूर लगवाएं। सुरक्षित यौन संबंध का विशेष ध्यान रखें जिससे आप इस गंभीर बीमारी से खुद को काफी हद तक बचा सकते है।

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