रायगढ़, 21 सितम्बर 2024/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में आज रायगढ़ जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायमूर्ति एवं संरक्षक श्री रमेश सिन्हा के दिशा-निर्देश एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के न्यायमूर्ति एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर श्री गौतम भादुड़ी के मार्गदर्शन तथा श्री जितेन्द्र कुमार जैन, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ के कुशल नेतृत्व में आयोजन किया गया है। नेशनल लोक अदालत, जो वर्चुअल एवं फिजिकल दोनों माध्यमों से जिला न्यायालय रायगढ़ सहित तहसील न्यायालय सांरगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ खरसिया, भटगांव तथा बिलाईगढ़ में आयोजित किया गया।
आयोजित उक्त नेशनल लोक’ अदालत के अवसर पर सर्वप्रथम श्री जितेन्द्र कुमार जैन, प्रधान जिला न्यायाधीश ने जिला मुख्यालय रायगढ़ के न्यायालयीन परिसर में मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारम्भ किया। उक्त कार्यक्रम में श्री प्रबोध टोप्पो, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय सहित समस्त अपर जिला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा समस्त न्यायिक मजिस्ट्रेट, सचिव श्रीमती अंकिता मुदलियार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला अधिवक्ता संघ से सचिव श्री शरद पाण्डेय सहित अन्य अधिवक्तागण तथा राजीनामा के लिये उपस्थित पक्षकारगण, न्यायालयीन कर्मचारीगण एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी उपस्थित रहे। श्री जितेन्द्र कुमार जैन, प्रधान जिला न्यायाधीश ने न्यायालय भ्रमण कर प्रत्येक खण्डपीठ में जाकर पक्षकारों का तथा पीठासीन अधिकारियों का उत्साहवर्धन किया तथा वहां पर पक्षकारों को लोक अदालत के माध्यमों से प्रकरण निराकृत करने के लिये प्रेरित किया। साथ ही प्रत्येक खण्डपीठ में जाकर पीठासीन अधिकारी एवं सदस्यों को उनके सहयोग से बातचीत द्वारा प्रकरणों के राजीनामा से निराकरण में महती भूमिका, उद्देश्य एवं महत्व के विषय में बताया गया।
श्री जितेन्द्र कुमार जैन, प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा न्यायालय परिसर में स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित कर नेशनल लोक अदालत के माध्यम से ‘स्वच्छ भारत’ का संदेश दिया। नेशनल लोक अदालत का प्रधान जिला एवं स़त्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ श्री जितेन्द्र कुमार जैन की अध्यक्षता एवं कुशल नेतृत्व में जिला रायगढ़ एवं सारंगढ़ एवं बिलाईगढ़ में सफलतापूर्वक आयोजन संपन्न हुआ।
जिला एवं तहसील न्यायालयों तथा राजस्व न्यायालयों में विभिन्न प्रकृति के राजीनामा योग्य मामले जैसे-मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक वसूली के प्रकरण, आपराधिक मामले, विद्युत मामले, श्रम विवाद, पारिवारिक विवाद, चेक अनादरण, सिविल मामले, राजस्व मामले के साथ-साथ आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 एवं छोटे अपराधों के मामले, जिसमें यातायात उल्लंघन के मामलों को भी शामिल करते हुए खण्डपीठों में लंबित प्रकरण 5527 एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरण 25306 को राजीनामा के आधार पर निराकरण के लिये लोक अदालत में रखा गया। इस प्रकार रखे गये कुल 30833 प्रकरणों में से लंबित 4789 एवं प्रीलिटिगेशन 16765 प्रकरण निराकृत हुये। इस प्रकार कुल 21554 प्रकरणों का निराकरण, जिला न्यायालय, परिवार न्यायालय, श्रम न्यायालय, किशोर न्याय बोर्ड, उपभोक्ता फोरम रायगढ़ एवं तहसील स्थित व्यवहार न्यायालय सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़, खरसिया, भटगांव, बिलाईगढ़ व राजस्व न्यायालय में राजीनामा के आधार पर किया गया और उन प्रकरणों के अंतर्गत कुल 106904692 रूपये का सेंटलमेंट हुआ। राजीनामा के आधार पर न्यायालयों में लंबित 05 वर्ष से अधिक अवधि के 22 प्रकरण तथा वरिष्ठ नागरिकों के 19 एवं महिलाओं के लंबित 23 प्रकरणों का निराकरण हुआ।
राजस्व न्यायालयों में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारें के मामले, वारिसों के मध्य बंटवारे के मामले, कब्जे के आधार पर बंटवारा के मामले, दण्ड प्रक्रिया संहिता 145 के कार्यवाही के मामले, विक्रयपत्र/दानपत्र/वसीयतनामा के आधार पर नामान्तरण के मामले एवं शेष अन्य प्रकृति के कुल 15425 मामले रखे गये जिनमें से 15322 मामलों का निराकरण लोक अदालत में राजस्व न्यायालयों की गठित खण्डपीठ ने किया। नगर निगम रायगढ़ एवं सारंगढ़ के वाटर बिल व अन्य से संबंधित 1353 मामले रखे गये जिनमें से 1353 मामलों का निराकरण हुआ।
चेक बाउन्स मामले में विडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से हुआ मामले का निराकरण
खण्डपीठ क्र.-10 पीठासीन अधिकारी श्री प्रवीण मिश्रा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, रायगढ़ के द्वारा धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के मामले का अभियुक्त जो कि लकवाग्रस्त हो गये हैंं और न्यायालय आने में असमर्थ थे, उनपर चेक बाउन्स का 1,34,891 रूपये का मामला लंबित था, के मामले में विडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से अभियुक्त से राजीनामा पर चर्चा करने के उपरान्त मात्र 80,000 रूपये तय कर मामले में राजीनामा कराया गया। इस प्रकार 05 वर्षों से लंबित चले आ रहे मामले का राजीनामा के माध्यम से सफलतापूर्वक निराकरण हुआ।
बच्चों की शिक्षा तथा कार्य को लेकर पति- पत्नी के मध्य वैचारिक मतभेद का हुआ समापन
खण्डपीठ क्र- 24 पीठासीन अधिकारी प्रिया रजक, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, धरमजयगढ़ के द्वारा परिवाद प्रकरण में, जिसमें उभयपक्ष के मध्य धरमजयगढ़ में रहकर कार्य करने को लेकर तथा बच्चों की अच्छी पढ़ाई-लिखाई नहीं होने के संबंध में भी विवाद था, उक्त वैचारिक मतभेद को समझाईश देकर राजीनामा के माध्यम से निराकरण किया गया। उभयपक्ष इस बात को लेकर सहमत हुए कि वे साथ-साथ रहेंगे तथा आवेदिका जो कार्य करना चाहती है, वह करती रहेगी और ग्राम गेरसा से धरमजयगढ़ में बच्चों की शिक्षा-दीक्षा भी अच्छे ढंग से कराएंगे तथा तत्पश्चात अनावेदक अपने बच्चों और पत्नी को लेकर ग्राम गेरसा चला जाएगा।
तलाक भूलकर पति-पत्नी के मध्य पुन: मधुर संबंधों का हुआ पुनस्र्थापन-
खण्डपीठ क्र. 15 पीठासीन अधिकारी कु.राधिका सैनी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सारंगढ़ के द्वारा विवाह-विच्छेद के मामले में समझाईश दिये जाने के परिणामस्वरूप उभयपक्ष, जो आपस में पति-पत्नि हैं, राजीनामा हेतु तैयार हो गये और आवेदक एक इकरारनामा पेश किया, जिसके अनुसार आवेदक के द्वारा निर्मित दो मंजिला मकान पर अनावेदिका एवं उनके दोनों पुत्रों के नाम बतौर सह खातेदार दर्ज कराने के लिये सहमति दी गई । साथ ही उभयपक्ष साथ रहकर अपने दाम्पत्य जीवन का निर्वहन करने हेतु भी तैयार हुए। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में उभयपक्ष के मध्य लंबित विवाद समाप्त होकर, उनके मध्य मधुर संबंध पुन: स्थापित हुआ।