रायगढ़, 21 जुलाई 2024/छ.ग.राज्य न्यायिक अकादमी बिलासपुर के निर्देशानुसार तीन नवीन कानून के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिला रायगढ़ सहित तहसील सारगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़, खरसिया तथा बिलाईगढ़ के अभियोजन अधिकारी, अधिवक्ता, लोक अभियोजक एवं लीगल एड डिफेंस कौसिंल सिस्टम रायगढ़ के अधिवक्ता उपस्थित रहें।
प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार आदित्य के द्वारा मां सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एक दिवसीय कार्यशाला को शुभारंभ किया गया। उनके साथ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो श्रीमती प्रतिभा वर्मा, अधिवक्ता संघ रायगढ़ के सचिव श्री शरद पाण्डे, अन्य जिलों से उपस्थित अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष/सचिव एवं लीगल डिफेंस कौंसिल के चीफ विवेक मिश्रा, जिला रायगढ़ सहित तहसील न्यायालयों के अधिवक्ता उपस्थित रहे।
उक्त एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार जैन द्वारा किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी नवीन कानून के आगमन पर उसकी व्याख्या एवं उसके उद्देश्य को जन-जन तक पहुुचाने का दायित्व प्रमुख रूप से विधि के जानकार व्यक्तियों पर आ जाता है और आज के दिन आयोजित कार्यशाला के माध्यम से 1 जुलाई 2023 से प्रर्वतनीय नवीन कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 पर हम सभी उपस्थित न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं एवं अभियोजन अधिकारियों के माध्यम से वह लाभ आम जनता तक पहुंचेगा। उन्होंने आगे यह भी कहा कानूनों में परिवर्तन एक प्रगतिशील समाज का परिचायक है, जो यह बताता है कि एक राष्ट्र का निर्माण समग्र रूप से न्यायिक धुरी पर चारों ओर हो रहा है। कार्यक्रम में मंच का संचालन न्यायाधीश श्रीमती नेहा यति मिश्रा द्वारा किया गया और आभार प्रदर्शन श्रीमती भावना नायक द्वारा किया गया। कार्यशाला में सर्वप्रथम न्यायाधीश श्री सौरभ बारा द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023 की जानकारी प्रदान करने के साथ पुराने कानून भारतीय दण्ड संहिता से तुलनात्मक प्रावधानों की जानकारी दिया गया कि किस प्रकार कानूनों में विधायिका द्वारा परिवर्तन किया गया।
तत्पश्चात् श्री संतोष ठाकुर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023 के दण्ड के प्रावधानों को विस्तार से समझाया और उन्होनें बताया कि अब नये कानून में कारावास के दण्ड के अतिरिक्त नवीन कानून में कुछ अपराधों के लिए दण्ड स्वरूप सामुदायिक सेवा का भी उपबंध किया गया है, जो न्यायालय द्वारा सजा के रूप में किसी भी अभियुक्त को प्रकरण के अनुसार दिया जा सकता है।
द्वितीय सत्र का प्रारंभ भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 से श्री प्रवीण मिश्रा द्वारा किया गया जिनके द्वारा बताया गया कि उक्त नवीन कानून में इंगलैण्ड तथा जूरी एवं असेसर जैसे शब्दों को नवीन कानून से हटा दिया गया है और अब साक्ष्य के रूप इलेक्ट्रानिक एवं डिजिटल अभिलेखों को भी दस्तावेजों के रूप में स्वीकार किया जायेगा। सुश्री राधिका सैनी जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सारगढ़ द्वारा अपने व्याख्यान में कहा गया कि नवीन कानून में जम्मू कश्मीर को सम्मिलित करते हुए अब नया कानून पूरे भारत वर्ष में लागू होगा। श्रीमती प्रतिभा वर्मा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो द्वारा भारतीय साक्ष्य अधिनियम में तथ्यों की सुसंगति, सबूत के विषय एवं साक्ष्य का पेश किया जाना और प्रभाव की जानकारी दिया गया।
तृतीय सत्र में श्री देवाशीष ठाकुर द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और पुरानी दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में धाराओं में हुये परिवर्तन को विस्तार से बताया। श्री अभिलेश शर्मा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश घरघोड़ा द्वारा नवीन संहिता में जांच, विचारण एवं अन्वेषण में हुए तात्विक परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। श्री संतोष कुमार आदित्य प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश रायगढ़ द्वारा बताया गया कि अब नये कानून के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट आनलाइन माध्यम से कोई भी कर सकता है और सूचना देने वालों को 3 दिवस के भीतर आकर प्रथम सूचना रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करना होगा। जो भी पुलिस द्वारा कार्यवाही किया जायेगा उसकी वीडियोग्राफी किया जायेगा। पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी को इत्तिला प्राप्त होने पर उस अपराध की रिपोर्ट उस मजिस्टेऊट को तत्काल भेजा जावेगा और यदि आवश्यक हो तो अपराधी का पता चलाने और उसकी गिरफ्तारी के उपाय करने के उस स्थान पर स्वयं जायेगा या किसी अधीनस्थ अधिकारियों को भेजेगा। इसके अतिरिक्त उन्होनें जमानत, अपील के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी और उन्होने कहा कि नवीन कानून निरंतर कुछ न कुछ नवीन प्रावधानों को हमें सिखाते रहेगें जो संपूर्ण जिलेवासियों के लिए लाभप्रद होगा।