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रायगढ़ की महिला किसान गायत्री पैंकरा को मिला ‘फसल विविधीकरण चैम्पियन अवॉर्ड

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया सम्मानित

रायगढ़, 19 नवम्बर 2025/ लैलूंगा विकासखण्ड के ग्राम गमेकेला की प्रगतिशील महिला किसान श्रीमती गायत्री पैंकरा ने टिकाऊ कृषि और बहुफसली खेती का उत्कृष्ट मॉडल प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। इसी उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए उन्हें वर्ष 2025 का ‘फसल विविधीकरण चैम्पियन अवॉर्ड’ प्रदान किया गया। यह सम्मान ग्रामीण विकास कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में आयोजित विशेष कार्यक्रम में प्रदान किया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी नीति तथा प्रदेश के वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी की पहल पर किसानों की आर्थिक तरक्की और उन्नति के लिए लगातार कार्य किए जा रहे है। कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अभिजीत बबन पठारे के मार्गदर्शन में गायत्री पैंकरा का विशिष्ट कृषि मॉडल उनके 3 एकड़ के आम बागान को केंद्र में रखते हुए विकसित किया गया है, जिसमें एकीकृत खेती, मिट्टी संरक्षण तकनीक, जैविक उर्वरक उपयोग और फसल विविधीकरण के वैज्ञानिक तरीकों का प्रभावी समावेश है। इस अभिनव मॉडल ने उन्हें न केवल जिले में बल्कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी विशिष्ट पहचान दिलाई है। गायत्री पैंकरा सीएलएफ नारी शक्ति महिला उपसंघ मुकडेगा के अंतर्गत स्व-सहायता समूह से जुड़ीं और बिहान योजना के वित्तीय सहयोग एवं कृषि प्रशिक्षणों का लाभ उठाकर उन्नत कृषि की दिशा में निरंतर आगे बढ़ती रहीं। पौधरोपण, भूमि सुधार, मिट्टी संरक्षण और जैविक तरीके से फसल विविधीकरण जैसे कार्य उन्होंने सफलता के साथ पूरे किए, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। उन्होंने खरीफ, रबी और जायद-तीनों मौसमों में विविध फसलें उगाकर लगभग 3.4 लाख रुपये वार्षिक आय अर्जित की। खरीफ मौसम में धान, मूंगफली, उड़द में 2.15 लाख रुपये, रबी मौसम में आलू, मटर, फूलगोभी, पत्तेदार सब्जियां में 75,000 रुपये और जायद मौसम में लोबिया, भिंडी, उड़द में 50,000 रुपये प्राप्त की।
गायत्री पैंकरा ने बिहान योजना के साथ-साथ नाबार्ड, उद्यानिकी विभाग और मनरेगा के सहयोग से विकसित बाड़ी मॉडल ने उनके टिकाऊ कृषि मॉडल को और मजबूती दी है। वह अब जिलेभर में महिलाओं और किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। उन्होंने अपने अनुभवों और प्रशिक्षणों का उपयोग करते हुए न केवल अपनी खेती को उन्नत बनाया, बल्कि आसपास के किसानों को भी वैज्ञानिक खेती, फसल विविधिकरण और टिकाऊ कृषि मॉडल अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

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