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पारंपरिक खेती के साथ साथ वैज्ञानिक खेती की ओर कदम बढ़ा रहे शिव प्रसाद



रिटायरमेंट के बाद नारियल की खेती कर युवाओं को कर रहे प्रेरित

सारंगढ़-बिलाईगढ़, 8 नवंबर 2025/ जिले के सरिया तहसील अंतर्गत बुदबुदा ग्राम पंचायत के नावापारा (छोटे) गांव के शिव प्रसाद प्रधान इन दिनों अपनी अनोखी पहल से चर्चा में हैं। दिसंबर 2023 में असिस्टेंट वेटनरी फील्ड ऑफिसर पद से रिटायर हुए शिव प्रसाद ने रिटायरमेंट के बाद खेती को अपना मुख्य व्यवसाय बना लिया है। खास बात यह है कि उन्होंने अब अपने खेत में नारियल का पौधरोपण शुरू किया है, जो क्षेत्र में एक नई दिशा दिखा रहा है।

शिव प्रसाद ने लगभग चार एकड़ जमीन पर नारियल के पौधे लगाए हैं और इस काम में उनके बेटे सानंद प्रधान भी सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं। दोनों पिता पुत्र मिलकर खेत को आधुनिक फॉर्म हाउस के रूप में विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। नारियल की पौधरोपण के लिए उन्होंने मिट्टी और जलवायु की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए हर पौधे की देखभाल वैज्ञानिक तरीके से शुरू की है।

ग्रामीणों के लिए यह पहल उत्साह का विषय बनी हुई है। क्षेत्र में नारियल की खेती का यह नया प्रयोग न केवल ध्यान आकर्षित कर रहा है, बल्कि युवाओं को भी प्रेरित कर रहा है जिससे पारंपरिक फसलों के साथ नई फसलों की ओर रुख किया जा सकता है।

शिव प्रसाद का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद वे पारंपरिक खेती के अलावा कुछ नया और अलग प्रयोग करना चाहते थे। इस लिहाज़ से उन्होंने ओड़िसा के किसानों से जानकारी जुटाकर और कृषि विभाग के सहयोग से नारियल की खेती वैज्ञानिक पद्धति से करने की शुरुआत किया है। यह खेती न केवल लाभदायक है बल्कि पर्यावरण के लिए भी अच्छा है, उनका मानना है कि अगर शुरुआत में सही देखभाल की जाए तो कुछ वर्षों में नारियल से स्थायी आय का अच्छा स्रोत बन सकता है। उनकी मेहनत और नए प्रयोग को देखकर आसपास के गांवों के कई युवा उनसे सीख लेने खेत तक पहुंच रहे हैं। पिता-पुत्र की यह जोड़ी गांव में खेती को लेकर नई सोच और नई उम्मीदें जगाने का काम कर रही है।

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