कचरे से स्वच्छता दीदियों ने कमाए 65 लाख रुपए से ज्यादा,
36 लाख रुपए से ज्यादा की हुई खाद की बिक्री,
रायगढ़। नगर निगम अंतर्गत कार्यरत स्वच्छता दीदियों ने एक तरफ जहां सूखा कचरा बेचकर 65 लख रुपए से ज्यादा की आमदनी अर्जित की, वही 36 लाख रुपए से ज्यादा की वर्मी एवं सुपर कंपोस्ट की बिक्री की गई है। इस तरह निगम अंतर्गत कार्यरत स्वच्छता दीदियों ने घर से निकलने वाले सूखा कचरा एवं वर्मी और सुपर कंपोस्ट की बिक्री कर एक करोड़ से ज्यादा की अतिरिक्त कमाई की है। रायगढ़। नगर निगम रायगढ़ अब वेस्ट से वेल्थ की ओर बढ़ रहा है। इसका अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि अब तक घरों से निकलने वाले कचरे से स्वच्छता दीदियों ने 65 लाख रुपए से ज्यादा की आमदनी की है। यही नहीं 36 लाख रुपए से ज्यादा की वर्मा कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट की बिक्री भी की गई है। महापौर श्रीमती जानकी काटजू, निगम कमिश्नर सुनील कुमार चंद्रवंशी की सतत मॉनिटरिंग का ही नतीजा है कि अब तक घरों से निकलने वाले कचरे मतलब सॉलि़ड वेस्ट को बेचकर स्वच्छता दीदियों ने 65 लाख रुपए से ज्यादा की आमदनी की है। निगम क्षेत्र अंतर्गत 12 एस एल आर एम सेंटर संचालित है, जिसमें 316 स्वच्छता दीदी कार्यरत हैं। हर एक सेंटर में एक सेंटर सुपरवाइजर की नियुक्ति की गई है, जो एसएलआरएम सेंटर में आने वाले सूखा एवं गीला कचरा का हिसाब किताब पंजी संधारण करते हैं। एसएलआरएम सेंटर में 140 रिक्शा निगम क्षेत्र अंतर्गत 48 वार्डों के लिए संचालित हर रोज होती है, जो डोर टू डोर जाकर सूखा एवं गीला कचरा संग्रहण करती है। इसके बाद गीला कचरा को खाद बनाने के रूप में और सूखा कचरा को अलग बिक्री के रूप में रखा जाता है। सूखा कचरा में प्लास्टिक बोतल, शीशी, न्यूज़पेपर, प्लास्टिक के टूटे-फूटे सामान, टीना लोहा के कबाड़ आदि शामिल होते हैं। इन सभी को एकत्रित कर महीने में एक बार स्वच्छता दीदियों की समूह द्वारा बिक्री की जाती है। सेंटर समूह द्वारा ही सूखा कचरे का प्रतिदिन का हिसाब किताब रखा जाता है। सेंटर समूह द्वारा चिन्हांकित कबाड़ संचालकों को सूखा कचरा बेचा जाता है। कबाड़ संचालक के कर्मचारी द्वारा तय समय पर एसएलआरएम सेंटर में पहुंचकर कबाड़ को तौलकर उठवाया जाता है। इसके बाद चेक के माध्यम से प्रति एस एल आर एम सेंटर के भुगतान किया जाता है। अब तक निगम के संचालित 12 एसएलआरएम सेंटर से 65 लाख 1 हजार 28 रुपए का सॉलि़ड वेस्ट की बिक्री की गई है, जिसका एसएलआरएम सेंटर में कार्यरत स्वच्छता दीदियों को उनके कचरा लाने और छटनी करने के कार्य स्वरूप हिस्सेदारी दी गई है। यह स्वच्छता दीदियों के वेतन के अलावा अतिरिक्त आय के रूप में मिल रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत और सक्षम हो रही हैं।36.41 लाख रुपए से ज्यादा की हुई खाद की बिक्रीनिगम अंतर्गत गोबर खरीदी एसएलआरएम सेंटर ट्रांसपोर्ट नगर, बाझिनपाली, विनोबा नगर और आशीर्वादपुरम में होती है। केंद्रों से 4041.59 क्विंटल गोबर 26 लाख 72 हजार रुपए की लागत से खरीदी की गई। गोबर एवं गीला कचरा से 3 हजार 43.34 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट और 522.9 क्विंटल सुपर कंपोस्ट बनाया गया। इसमें 36 लाख 41 हजार 110 रुपए की वर्मी और सुपर कंपोस्ट की बिक्री की गई। गौठान समिति को 11 लाख रुपए से ज्यादा लाभांश मिला। इस तरह स्वच्छता दीदियों ने एक करोड़ दो लाख 42 हजार 238 रुपए का सूखा कचरा और वर्मी एवं सुपर कंपोस्ट की बिक्री कर अतिरिक्त आय अर्जित की।स्वच्छता दीदियों को मिलेगा बढ़ा हुआ वेतनस्वच्छता दीदियों द्वारा पूर्व में कार्य के एवज में वेतन बढ़ाने की मांग की थी, जिसमें राज्य शासन द्वारा स्वच्छता दीदियों के वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई। अब उन्हें जारी महीने से बढ़ा हुआ वेतन यानी 7200 रुपए का भुगतान होगा। इस तरह वेतन बढ़ाने के साथ स्वच्छता दीदियों द्वारा सूखा कचरा और वर्मी एवं सुपर कंपोस्ट की बिक्री कर अतिरिक्त कमाई की जा रही है।समय पर करें यूजर चार्ज का भुगतान कमिश्नर चंद्रवंशीनिगम कमिश्नर श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि स्वच्छता दीदियों द्वारा हमारे घरों के कचरे को एकत्रित कर शहर को साफ सुथरा स्वच्छ रखने जैसा महत्वपूर्ण कार्य किया जाता है, इसलिए हम सभी शहर के नागरिकों को इनके कार्य का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता दीदी जो घरों से सूखा एवं गीला कचरा लेती हैं। एसएलआरएम सेंटर में उसकी छटनी करती हैं। बेचने लायक सामान को अलग करती हैं। सुबह से शाम तक वह भी शहर की सफाई कार्य में अपना समय देती हैं। उनका इस कार्य के लिए वेतन तय है, लेकिन यह वेतन हम सभी नागरिकों पर निर्भर है, क्योंकि स्वच्छता दीदियों को डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के एवज में मिलने वाले यूजर चार्ज से ही वेतन का भुगतान होता है। कमिश्नर श्री चंद्रवंशी ने शहर के सभी नागरिकों से समय पर और हर महीना यूजर चार्ज भुगतान करने की अपील की है।