Site icon chattisgarhmint.com

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ह सारंगढ़ कलेक्ट्रेट में करिस बैठक


प्रशासनिक कार्य व्यवहार म छत्तीसगढ़ी के उपयोग करे खातिर अधिकारीमन ल प्रोत्साहित करीन

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 8 अक्टूबर 2025/ रजत जयंती पर्व म छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ह सारंगढ़ कलेक्ट्रेट में  बैठक कार्यक्रम करिस, जेमा कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे अउ जिला के अधिकारी मन उपस्थित रहीन। कलेक्टर डॉ कन्नौजे, अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे अउ आयोग के अधिकारी मन कार्यक्रम के शुरुआत भारत माता अउ छत्तीसगढ़ महतारी के तस्वीर के आघू दिया जलाके करीन। बैठक में कलेक्टर ह अपन परिचय छत्तीसगढ़ी में दिस।  

आयोग के सचिव डॉ अभिलाषा बेहार ह बताइस कि, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होइस अउ संस्कृति मंत्री ह उपाध्यक्ष हे। आयोग ह चाहथे कि सरकारी कामकाज चिट्ठी पत्री, नोटशीट ह छत्तीसगढ़ी म लिखके छत्तीसगढ़ी राजभाषा ल बढ़ावा देवा। 

डॉ सुधीर शर्मा, अध्यक्ष हिंदी विभाग कल्याण कॉलेज भिलाई ह बहुत बढ़िया ढंग से अपन बात ल समझात कहिन कि, जब छत्तीसगढ़ राज बनिस ओकर कारण सिर्फ हमर सांस्कृतिक पहचान लोकगीत, परम्परा रहिस। इहां के तीजन बाई ह 57 देश के यात्रा करके पंडवानी प्रदर्शन करके छत्तीसगढ़ के पहचान बने हे। नामी गिरामी निर्देशक हबीब तनवीर के निर्देशन म हमर “चरणदास के चोर” नाटक ल फ्रांस में  सर्वश्रेष्ठ नाटक के खिताब मिलिस। हमर भाषा अइसे हावे कि विदेशी भाषा वाला मन भी समझ जाथे। लेखक, साहित्यकार, गीतकार, गायक मन अपन रचना करके छत्तीसगढ़ी के पहचान बनाइस

छत्तीसगढ़ी रचनाकाल

 हमर धमतरी के प्रधान पाठक हीरालाल काव्योपाध्याय ह 1885 में छत्तीसगढ़ी व्याकरण लिखिन, कामता प्रसाद ध्रुव शिक्षक ह मदद करीन। 1900 में पंडित माधव राव सप्रे ह पेंड्रारोड म छत्तीसगढ़ी अखबार “छत्तीसगढ़ मित्र” के शुरुआत करीन। अंग्रेजी साहित्य के मानव शास्त्र लेखक ह राजा नरेशचंद्र के जमाना म सारंगढ़ राजपरिवार के पहुंना बनके आय रहीस अउ “फोक सांग ऑफ छत्तीसगढ़” पुस्तक के रचना 1946 में करीन। अंग्रेजी अउ छत्तीसगढ़ी के शब्दकोश के रचना होइस। सारंगढ़ के छत्तीसगढ़ी भाषा ह पुस्तक के आधार हावे। हमर पलारी के नामी गिरामी निर्देशक मनु नायक ह 1960 के दशक म कही देबे संदेश, वही विजय कुमार पांडेय 1971 में घर द्वार बनाईस। 

बोलचाल अऊ सरकारी कामकाज ल छत्तीसगढ़ी भाखा में करव : डॉ सुधीर शर्मा

डॉ सुधीर शर्मा ह कहिस कि, आज छत्तीसगढ़ के सरकारी नौकरी के भर्ती में पीएससी व्यापम में छत्तीसगढ़ी शब्द के प्रश्न पूछे जाथे, ते म छत्तीसगढ़ी लइका मन घलो गलत कर दारथे। हर देश अउ राज के सोच रइथे कि, मोर राज में रहना हे त मोर भाखा संस्कृति ल सीखे बर लागही। बिलासपुर हाईकोर्ट म जज फकरुद्दीन ह अपन फैसला छत्तीसगढ़ी म दिस, आज रेल, एयरपोर्ट, नेता, टीवी चैनल, दूरदर्शन, रेडियो, अखबार, व्यापारी सब छत्तीसगढ़ी म अपन प्रचार प्रसार करत हावे त, सभी छत्तीसगढ़िया अधिकारी कर्मचारी अपन बोलचाल अऊ सरकारी कामकाज ल छत्तीसगढ़ी भाखा में करव। कार्यक्रम के आखिर में अधिकारीमन ल छत्तीसगढ़ी से हिंदी, छत्तीसगढ़ी से अंग्रेजी पुस्तक अउ प्रशस्ति पत्र बांटीस।

Exit mobile version