विद्यालय से दूर स्थित 67 छात्रावासों में निवासरत बच्चों के लिए की गई है टिफिन व्यवस्था
सीमित संसाधनों में नवाचार, बच्चों के स्वास्थ्य और आत्मविश्वास पर दिख रहा असर
रायगढ़, 26 दिसम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप एवं कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी की संवेदनशील सोच और दूरदर्शिता से जिले के छात्रावासों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए एक सराहनीय पहल शुरू की गई है। कलेक्टर के निर्देश पर छात्रावास-आश्रम में निवासरत कक्षा 9वीं एवं 10वीं के विद्यार्थियों को विद्यालय की पाली के दौरान गरम एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने हेतु टिफिन व्यवस्था की शुरुआत की गई है, जिससे वर्तमान में 1860 छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं। यह पहल उन विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर शुरू की गई है, जिन्हें शासन की मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ नहीं मिल पाता था। विद्यालय के भोजन अवकाश के दौरान ऐसे छात्र स्वयं को अन्य बच्चों से अलग महसूस करते थे। टिफिन व्यवस्था लागू होने के बाद अब वे भी अपने सहपाठियों की तरह गरम भोजन कर पा रहे हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ा है।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्री श्रीकांत दुबे ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश के अनुरूप इस पहल को व्यवहारिक रूप दिया गया। छात्रावासों में उपलब्ध बचत राशि का सदुपयोग करते हुए विद्यार्थियों को प्रतिदिन टिफिन दिया जा रहा है, जिसमें वही भोजन शामिल होता है, जो छात्रावास में समय-सारणी अनुसार तैयार किया जाता है। इसमें नाश्ता, चावल, दाल, हरी सब्जी, आचार एवं सलाद उपलब्धता अनुसार शामिल हैं। वर्तमान में जिले में कुल 147 प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रावास संचालित हैं। इनमें से विद्यालय से दूर स्थित 67 छात्रावासों में कक्षा 9वीं एवं 10वीं के छात्रों के लिए टिफिन व्यवस्था लागू की गई है। वहीं, जो छात्रावास विद्यालय के समीप या एक ही परिसर में संचालित हैं, वहां भोजन अवकाश के दौरान गरम भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रतिमाह शासन द्वारा प्रदाय की जाने वाली राशि, जो विद्यार्थियों की दैनिक आवश्यकताओं जैसे साबुन, टूथपेस्ट, जूते, मोजे एवं स्टेशनरी हेतु निर्धारित होती है, उसी की बचत से यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इससे बिना अतिरिक्त भार के बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। पुसौर विकासखंड अंतर्गत संचालित प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास में निवासरत कक्षा 10वीं के छात्र युवराज बरेठ ने बताया कि टिफिन व्यवस्था से अब उन्हें प्रतिदिन भोजन अवकाश के दौरान नाश्ता या गरम भोजन मिल जाता है और वे अपने साथियों से अलग महसूस नहीं करते है। इसी तरह अन्य बच्चों ने बताया कि स्कूल में ही पौष्टिक भोजन की व्यवस्था होने से उन्हें बाहर जाना नहीं पड़ रहा है। वे प्रशासन की इस टिफिन व्यवस्था से काफी खुश है। बता दे कि यह व्यवस्था न केवल विद्यार्थियों के पोषण स्तर को सुधार रही है, बल्कि उनकी शैक्षणिक एकाग्रता और मानसिक विकास में भी सहायक सिद्ध हो रही है।

