केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक चक्रवाल और कुलसचिव प्रोफेसर रणदीवे की उपस्थिति में किया गया सफल आयोजन
नेक्सस टीम के द्वारा किया गया एलुमनी मीट 2025 का आयोजन जो कि प्रोफेसर अमित जैन के द्वारा लीड किया गया
आज गुरुघासीदास केंद्रीय विश्व विद्यालय में एलुमनी मीट के 2025 का आयोजन किया गया जिसमे 2001 बैच पास आउट से लेकर 2016 बैच पास आउट छात्र छात्राओ ने बढ़चढ़ कर भाग लिया सभी छात्र छात्राओ ने आज पूरा दिन केंद्रीय विश्वविद्यालय में बिताया सबसे पहले नेक्सस की टीम के द्वारा सभी एलुमनी स्टूडेंट्स का ढोल नगाड़ा बजाकर और तिलक लगाकर गर्मजोश के साथ स्वागत किया गया उसके बाद कुलपति महोदय व कुलसचिव महोदय के साथ मीटिंग और फ़ोटोसेशन का कार्यक्रम हुआ कुलपति प्रो आलोक चक्रवाल और कुलसचिव प्रो रणदीवे कॉलेज के डीन एस सी श्रीवास्तव और एलुमनी के नोडल अधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने सभी एलुमनी स्टूडेंट्स के साथ ई रूम में बात किए और बहुत से पूर्व छात्रो ने अपने एक्सपीरियंस शेयर किए आदित्य शुक्ला , विनीत अरोड़ा, सौरभ द्विवेदी, रितेश साव,डॉ. माधुरी गुप्ता प्रशांत सुथरिया, अक्षय शुक्ला, मानसी ठाकुर , दिनेश राठौड़, चमन चंद्राकर और बहुत से स्टूडेंट्स ने विश्व विद्यालय के साथ अपने बीते हुए पलों को याद किया और फोटो खिचवाए फिर उसके बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की बस में सभी डिपार्टमेंट की विजिट कराई गई जिसको देखकर सभी एलुमनी बहुत उत्साहित थे फिर सभी स्टूडेंट्स को स्नैक्स और लंच कराया गया लंच में केंद्रीय विश्व विद्यालय की स्पेशियालिटी स्वाभिमान थाली कराया गया l इसके बाद उन्होंने कहा 2008 बैच पासआउट स्टूडेंट अक्षय शुक्ला ने एलुमनी स्टूडेंट्स की तरफ़ से एंकरिंग और मिमिक्री करके सभी का दिल जीत लिया एल



उसके बाद सभी को ऑडिटोरियम में ले जाया गया जहाँ विभिन्न प्रकार के कल्चरल इवेंट का आयोजन किया गया जिसमे विश्व विद्यालय के स्टूडेंट्स और एल्यूमनी स्टूडेंट्स के द्वारा डांस और गाना का परफॉर्म किया गया उसके बाद सभी एलूमनी को विश्व विद्यालय द्वारा स्मृति चिन्ह भेट किया गया फिर उसके बाद सभी के लिए ऑडिटोरियम में डिनर की व्यवस्था कराई गई और डिनर के बाद सभी एलूमनी की विदाई की गई इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरा नेक्सस परिवार और नेक्सस टीम के लीडर प्रो अमित जैन , गरिमा, अनुज वर्मा, अभिषेक राजपूत, दीक्षा भारती, नीरज, नेहा, श्रेयांश गोयल,सौरभ सौंदिक, सुधांशु का सबसे बड़ा योगदान रहा l