विवेकानंद के आदर्शों को अपनाने, जोबी कॉलेज एनएसएस कैम्प में हुआ बौद्धिक कार्यक्रम
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प्रेरणाः- भारतीय संस्कृति, सभ्यता और योगी विचारों के प्रति विद्यार्थियों को किया गया जागृत।
जोबी, रायगढ़ः- भारतीय समाज के एक प्रमुख आध्यात्मिक गुरू एवम योगी, स्वामी विवेकानंद, जिनके विचारों और आदर्शों ने हमेशा से युवाओं को प्रेरित किया है। उनके आदर्शों को समझ कर अमल करने के लिए, शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय जोबी-बर्रा द्वारा ग्राम काफरमार में संचालित 07 दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के दूसरे दिन रविवार को बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्राचार्य रविन्द्र थवाईत की पहल पर सहायक प्राध्यापक एवम रासेयो कार्यक्रम अधिकारी एसपी दर्शन के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में शिक्षित किया गया।
इस दौरान सर्वप्रथम स्वामी जी के छायाचित्र के समक्ष अथितियोंं और विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों के साथ नमन किया। तदोपरांत बौद्धिक चर्चा के दौरान श्री दर्शन ने बच्चों को समझाते हुए कहा कि वैसे तो स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में नरेन्द्रनाथ के नामकरण के साथ हुआ था। किन्तु, उन्होंने अपने गुरू रामकृष्ण परमहंस की प्रेरणा से ’स्वामी विवेकानंद’ बन कर एक अलौकिक सफ़र तय किया। उनकी अद्भुत उपलब्धियों के पीछे कठोर तपस्या और समर्पण का अनुभव छिपा है। जिस प्रकार से उन्होंने 1893 में शिकागो धर्म महासभा में “धर्म में विश्वास“ वाले व्याख्यान द्वारा भारतीय धर्म, विवेक और सामर्थ्य के महत्व को उजागर किया, उससे सारा जगत चकित रह गया। उनके शिष्य दिग्दर्शी थे, हमें भी उनका अनुसरण करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि बैठक में उपस्थित अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के तन्मय चैतेरजी और श्री अनीष ने विद्यार्थियों को साधना और आत्म-विश्वास के माध्यम से अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरित कर अच्छा, सच्चा और नेक नागरिक बनने की मूल्यवान सीख दी। निसंदेह जोबी कॉलेज का यह प्रयास एक महत्वपूर्ण कदम है, जो युवाओं को सकारात्मक भविष्य की ओर बढ़ने में मदद करेगा। इस दौरान गरिमामय रूप से उपस्थित अतिथियों सहित जोबी महाविद्यालय से संलग्न अधिकारी–कर्मचारियों व एनएसएस विद्यार्थियों का समूचा दल निरंतर बना रहा।