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सच की बात है

बरबट्टी की खेती से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे केराबहार के किसान श्री खुलेश्वर पैंकरा

Bychattisgarhmint.com

Oct 3, 2025


कम लागत, अधिक उत्पादन-बरबट्टी की खेती बनी खुशहाली का आधार
रायगढ़, 3 अक्टूबर 2025/ जिले के किसान पारंपरिक खेती से हटकर अब वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाते हुए अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इससे न केवल उनकी आमदनी में वृद्धि हो रही है, बल्कि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कदम बढ़ा रहे हैं। इसी कड़ी में लैलूंगा विकासखंड के ग्राम केराबहार निवासी श्री खुलेश्वर पैंकरा ने अपनी मेहनत और लगन से 0.5 एकड़ भूमि में बरबट्टी की खेती कर अच्छा उत्पादन प्राप्त किया है। किसान श्री पैंकरा बताते हैं कि उन्होंने उद्यान विभाग के सहयोग से आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करते हुए बरबट्टी की फसल ली। परिणामस्वरूप बरबट्टी की बाजार दर 50 रुपए प्रति किलो होने से उन्हें 70,000 रुपए की सकल आय प्राप्त हुई। खेती में कुल लागत 20,000 रूपये आई, जिसके बाद उन्होंने 50,000 रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया। 
       बता दे कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा किसानों की आर्थिक उन्नति और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी एवं आयमूलक फसलों की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देशन एवं उद्यान विभाग की सहायक संचालक श्रीमती रंजना माखीजा के मार्गदर्शन में इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम अब जमीन पर दिखाई देने लगे हैं। किसान श्री खुलेश्वर पैकरा की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि किसान समय पर फसल चयन, उचित तकनीक और मेहनत को अपनाए, तो सीमित संसाधनों में भी समृद्धि हासिल की जा सकती है। श्री पैंकरा को बरबट्टी की खेती से जहां आर्थिक लाभ मिला, वहीं इस फसल ने मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और जैविक खेती को प्रोत्साहन देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्री पैंकरा बताते हैं कि वे इस वर्ष भी बरबट्टी की खेती कर रहे हैं और आने वाले समय में फसल का क्षेत्रफल बढ़ाने के साथ-साथ आसपास के किसानों को भी इस दिशा में प्रेरित करने की योजना बना रहे हैं।

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