रायगढ़, 6 मार्च 2024/ कृषि विज्ञान केन्द्र, रायगढ़ द्वारा डॉ.एस.आर.के.सिंह, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-9, जबलपुर एवं डॉ.अजय वर्मा, निदेशक विस्तार सेंवाये, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के निर्देशन एवं डॉ. बी.एस.राजपूत, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, रायगढ़ के कुशल मार्गदर्शन में ग्राम-बोन्दा, नवापारा व डभरा विकास खण्ड-पुसौर, खरसिया, बरमकेला में सरसों फसल किस्म-डी.आर.एम.आर.-150 तथा एच.आर.-725 की 60 हेक्टेयर एवं सूर्यमुखी किस्म-एन.एस.एफ.एच.-145 की 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन लिया गया है। जिसका उद्देश्य देश में तिलहनी फसलों की उन्नत तकनीक को बढ़ावा के साथ-साथ फसल की उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हो सके। फसल के निरीक्षण हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा गठित निरीक्षण दल डॉ.एम.एल.शर्मा, प्राध्यापक, कृषि महाविद्यालय, रायपुर, डॉ. नवनीत राणा, प्राध्यापक, कृषि महाविद्यालय वं अनुसंधान केन्द्र, महासमुन्द एवं डॉ.रोशन परिहार, सहायक प्राध्यापक, बी.टी.सी. कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बिलासपुर द्वारा 5 मार्च 2024 को किया गया। निरीक्षण के दौरान उपस्थित कृषकों से सरसों एवं सूर्यमुखी फसल प्रबंधन, उत्पादन एवं उत्पादकता के बारे में विस्तार से चर्चा किए व आगामी वर्ष में तिलहन फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित किया गया साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों को समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन करने के लिये निर्देशित किया गया। इस अवसर पर समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के प्रभारी डॉ.के.के.पैकरा, डॉ.सविता आदित्य एवं ग्राम-बोन्दा व डभरा के प्रगतिशील कृषक एवं कृषक महिला भद्र कुमारी सिदार, तेजराम गुप्ता, शांति कुमार, गोवर्धन, सुग्रीव गुप्ता, दुर्गाशंकर नायक व अन्य कृषक उपस्थित थे।
सूर्यमुखी एवं सरसों फसल की समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन का किया गया निरीक्षण
